नई दिल्ली, 12 जून। भारतीय विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों में अब विदेशी विश्वविद्यालयों की तर्ज पर छात्र साल में दो बार प्रवेश ले सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2024-25 से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया कि आयोग ने इस योजना को मंजूरी दे दी है।

जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार होगी प्रवेश प्रक्रिया
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी। कुमार ने बताया कि शिक्षण सत्र 2024-25 से जुलाई-अगस्त और जनवरी-फरवरी में दो बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कुमार ने कहा, ‘यदि भारतीय विश्वविद्यालय वर्ष में दो बार प्रवेश दे सकें, तो इससे ऐसे छात्रों को लाभ होगा, जो बोर्ड परीक्षा के परिणामों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या व्यक्तिगत कारणों से जुलाई-अगस्त सत्र में किसी विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने से चूक जाते हैं।’

साल में दो बार प्लेसमेंट भी होगा
साल में दो बार प्रवेश के साथ, उद्योग जगत के लोग भी वर्ष में दो बार अपने ‘कैंपस’ चयन की प्रक्रिया संचालित कर सकते हैं, जिससे स्नातकों के लिए रोजगार के अवसर बेहतर होंगे।’ यूजीसी प्रमुख ने बताया कि साल में दो बार प्रवेश से उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) को अपने संसाधन वितरण, जैसे संकाय, प्रयोगशाला, कक्षाएं और सहायक सेवाओं की योजना अधिक कुशल बनाने में मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय के भीतर सुगमता से कामकाज होगा।

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
जगदीश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालयों में साल में दो बार प्रवेश का छात्रों को फायदा मिलेगा। अर्द्धवार्षिक प्रवेश के साथ उद्योग जगत के लोग भी साल में दो बार अपने कैंपस में भर्ती कर सकेंगे। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। वहीं बोर्ड के नतीजों की घोषणा में देरी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी और व्यक्तिगत कारणों से प्रवेश से चूकने वाले छात्रों को भी राहत मिलेगी और उन्हें प्रवेश के लिए पूरे साल इंतजार नहीं करना होगा। इसके साथ ही संस्थान में अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग कर सकेंगे।

वर्तमान में, विश्वविद्यालय और कॉलेज हर साल जुलाई-अगस्त में नियमित मोड में छात्रों को प्रवेश देते हैं। इसलिए, भारत में सभी उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) जुलाई-अगस्त में शुरू होने वाले और मई-जून में समाप्त होने वाले शैक्षणिक सत्र का पालन करते हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed

× How can I help you?