दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय में व्याप्त समस्याओं को दूर करने एवं फीस वृद्धि को वापस करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। अभाविप का कहना है कि जब तक प्रशासन द्वारा बढ़ाई गई फीस को कम नहीं किया जाता और समस्याओं के निवारण हेतु एक अवधि तय नहीं की जाती तब तक परिषद कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहेंगे।
बता दें कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विधि संकाय द्वारा फीस वृद्धि, खराब इन्फ्रास्ट्रक्चर, वाईफाई की समस्या, शौचालय समस्या, क्लास रूम में सीटों का अभाव, वॉटर कूलर की समस्या, पिंक टॉयलेट, सेनेटरी वेंडिंग मशीन आदि समस्याओं को लेकर कैंपस लॉ सेंटर, एलसी 1 एवं एलसी 2 के कार्यकर्ता संयुक्त रूप से गुरुवार से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं ।
ध्यातव्य हो कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विधि संकाय के कार्यकर्ताओं द्वारा पूर्व में इन मांगों को लेकर संकाय प्रशासन को कई बार ज्ञापन सौंपा गया किंतु अभी तक उस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। साथ ही इस बार फीस वृद्धि भी की गई है। पहले विद्यार्थियों को 4900 रुपए वार्षिक शुल्क देना होता था जिसमें परीक्षा शुल्क भी शामिल होता था किन्तु पिछले सेमेस्टर से प्रति छात्र को 6010 रुपए वार्षिक शुल्क के अतिरिक्त 1100 रुपए परीक्षा शुल्क देना पड़ रहा है।
अभाविप दिल्ली प्रांत सह मंत्री आशीष सिंह ने कहा कि विधि संकाय में हर आर्थिक पृष्ठभूमि से आने वाले छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में प्रशासन द्वारा बढ़ाई गई फीस छात्रों के लिए अनेकों समस्या उत्पन्न कर रही है। साथ ही खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, पानी की समस्या, शौचालय की जर्जर स्थिति से विद्यार्थियों को कई प्रकार की समस्या आ रही हैं जिसके लिए हमने पूर्व में भी विधि संकाय प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था किंतु इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया। फलस्वरुप हमने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती तब तक हम यूं ही धरने पर बैठे रहेंगे।

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