पौड़ी, 24 सितम्बर। पौड़ी जिले के सरकारी स्कूलों के बच्चे अब अपनी सहज बोली व भाषा में भी सुबह की प्रार्थना, समूह गान व प्रयाण गीत आदि गा सकेंगे। ये सभी प्रार्थनाएं व गीत नए होंगे। इतना ही नहीं छठवीं से लेकर इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को प्रार्थना सभा के दौरान ही समसामयिक घटनाओं व सामान्य ज्ञान से भी अपडेट किया जाएगा।
हिंदी के अलावा संस्कृत और अंग्रेजी में भी छात्रों को किया जायेगा पारंगत
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) व जिलाधिकारी पौड़ी के अनुमाेदन के बाद जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) चड़ीगांव में शिक्षकों को इस नवाचार प्रयोग के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर उन्हें तैयार किया गया। शिक्षक अब अपने विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को उनकी भाषा व बोली के आधार पर प्रार्थना, समूह गान व प्रयाण गीत आदि का प्रशिक्षण देंगे। डायट की मानें तो कक्षा छह से लेकर इंटरमीडिएट के छात्राओं को स्थानीय बोली गढ़वाली व कुमांउनी की नई प्रार्थना, समूह गान व प्रयाण गीत का भी अभ्यास करवाया जाएगा। इतना ही नहीं मातृ भाषा हिंदी के साथ ही संस्कृत के साथ-साथ अंग्रेजी में भी छात्रों को पारंगत किया जाएगा।
पुरानी प्रार्थनाएं भी यथावत जारी रहेंगी
प्राचार्य स्वराज सिंह तोमर ने बताया कि प्रार्थना सभा विद्यालय का दर्पण है। कक्षा संचालन से पूर्व शांत चित्त व एकाग्र मस्तिष्क के लिए अच्छी प्रार्थना छात्रों के लिए अहम भूमिका रखती है। बताया कि प्रार्थना सभाग में छात्राओं समसामयिक घटनाक्रम की जानकारी के साथ ही सामान्य ज्ञान, समाचार व प्रेरणादायक कहानियों से भी रूबरू किया जाएगा। कार्यक्रम समन्वयक विनय किमोठी व व वरिष्ठ प्रवक्ता डॉ. एम एस कलेठा ने बताया कि जल्द ही प्रार्थनाओं को विद्यालयों में लागू किया जाएगा। हालांकि पुरानी प्रार्थनाएं आदि भी यथावत रहेंगी। कार्यक्रम में जिले के सभी 15 ब्लॉकों के 45 विद्यालयों के 45 शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।

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