देहरादून, 11 अगस्त। अपनी-अपनी पंचायत में उत्कृष्ट कार्य करने वाली देशभर की 150 महिला जनप्रतिनिधियों को केंद्र सरकार की ओर से 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने को आमंत्रित किया गया है । अपनी पंचायतों को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकीं महिला जनप्रतिनिधि लाल किले से नारी सशक्तिकरण का संदेश देंगी। इनमें पौड़ी की मनीषा बहुगुणा, पिथौरागढ़ की ममता बोरा, विकासनगर की तबस्सुम इमरान और दून की मीनू छेत्री शामिल हैं।

सबसे कम उम्र की प्रधान हैं पिथौरागढ़ की ममता बोरा
देहरादून जिले से दो, जबकि पौड़ी व पिथौरागढ़ से एक-एक प्रधान का इस कार्यक्रम के लिए चयन किया गया है। इन सभी को समारोह में सम्मानित भी किया जाएगा। इसके लिए अपर जिला पंचायत राज अधिकारी डा. विनीता सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है। इनके नेतृत्व में सभी प्रधान 13 अगस्त को दिल्ली रवाना होंगी। उत्तराखंड से चार महिला ग्राम प्रधानों में एक डीडीहाट विकास खंड की सबसे कम उम्र में ग्राम प्रधान बनने वाली महिला ग्राम प्रधान ममता बोरा हैं।

पौड़ी गढ़वाल खिर्सू ब्लाक की ग्राम प्रधान भी शामिल
पौड़ी जिले की खिर्सू ब्लाक की ग्राम पंचायत मरखोड़ा पोस्ट बुधाणी की प्रधान मनीषा बहुगुणा ने पर्यावरण संरक्षण के तहत पांच हजार से अधिक पौधे लगाने, बंजर भूमि पर छोटे तालाब बनाने, शिक्षा के लिए कंप्यूटर स्थापित करने, महिलाओं को सिलाई प्रशिक्षण देने व जैविक खेती का प्रशिक्षण देने, पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टोलिया गांव में होम स्टे बनवाने का कार्य किए।

वहीं, पिथौरागढ़ के डीडीहाट ब्लाक के ग्राम पंचायत ननकुड़ी की प्रधान ममता ने गांव को खुले में शौच मुक्त बनाने को जागरूकता अभियान चलाने, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में ग्राम पंचायत में शौचालयों का निर्माण, प्लास्टिक कचरे को कम कर रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देने, गांव में सार्वजनिक स्वच्छता सुविधा के लिए कूड़ेदान, सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराने जैसे कार्य किए हैं।

देहरादून की मीनू छेत्री ने घर-घर पहुंचाया पानी
शहर से महज कुछ दूर स्थित सहसपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत पुरोहितवाला एक तरफ आर्मी कैंट और दूसरी तरह फॉरेस्ट से घिरा हुआ है। प्रधान मीनू छेत्री ने बताया कि राजस्व ग्राम में विकास कार्य कराने के लिए उन्हें कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2008 में पहली बार प्रधान निर्वाचित होने के बाद उन्होंने पहल करते हुए बाण गंगा नदी के बरसाती पाने के संग्रहण को चेक डेम बनाकर पानी टैंक के जरिये घरों तक पहुंचाया। मीनू छेत्री का बतौर ग्राम प्रधान यह तीसरा कार्यकाल है। बीए कर चुकीं मीनू को अब तक कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।

योजनाओं की जानकारी में माहिर हैं तबस्सुम
तबस्सुम ने अपनी पंचायत में लगभग सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया है। उन्हें 2021 में ग्राम पंचायत विकास योजना राष्ट्रीय पुरस्कार, 2023 में पंडित दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार व नाना जी देशमुख गौरव ग्राम सभा पुरस्कार मिल चुका है।

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