आईआईटी कानपुर में पीएचडी छात्रा ने हॉस्टल में की आत्महत्या, पुलिस को मिला सुसाइड नोट

आईआईटी कानपुर में पीएचडी छात्रा ने हॉस्टल में की आत्महत्या, पुलिस को मिला सुसाइड नोट

कानपुर, 10 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही छात्रा ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। छात्रा अर्थ साइंस से पीएचडी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही थी। आईआईटी प्रशासन की सूचना पर पुलिस पहुंची और फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। फोरेंसिक टीम ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है। इसमें छात्रा ने किसी को दोषी नहीं ठहराया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।

चकेरी थाना क्षेत्र स्थित सनीगंवा सजारी निवासी गोविंद खारया लाला पुरुषोत्तम दास ज्वेलर्स में स्टॉक मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। गोविंद खारया की बेटी प्रगति (28) आईआईटी कानपुर से अर्थ साइंस में शोध कर रही थी। गुरुवार सुबह के रूम का दरवाजा नहीं खुला, तो प्रगति के सहेलियों ने इसकी सूचना वार्डन को दी। रोशनदान से झांक पर देखा गया तो उसका शव फंदे से लटक रहा था। आईआईटी प्रशासन ने इसकी सूचना परिजनों और पुलिस को दी।

सुसाइड नोट भी मिला
पीएचडी छात्रा ने आत्महत्या करने से पहले से सुसाइड नोट लिखा था। नोट में लिखा कि मैं अपनी मौत की खुद जिम्मेदार हूं। इसमें किसी का कोई दोष नहीं है। वहीं अपने दोस्तों के लिए लिखा आप लोगों ने मुझे बहुत कॉपरेट किया, इसके लिए थैंक्स। वहीं प्रगति के सुसाइड से उसके साथियों में शोक की लहर है।

परिजनों को नहीं हो रहा विश्वास
पिता ने बताया कि प्रगति बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थी, उसने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से बीएससी, झांसी के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से एमएससी की। इसके बाद आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही थी। परिजनों का कहना है कि बेटी ने यह कदम कैसे उठा लिया। प्रगति बहुत ही बहादुर बेटी थी।

बेटी का शव देख बिलख पड़े पैरेंट्स
प्रगति तीन भाइयों में अकेले थी, बड़ा भाई सत्यम एचडीएफसी में जॉब करता है। मंजला भाई एनटीपीसी में इंजीनियर है और सबसे छोटा भाई इंफोसिस कंपनी में इंजीनियर है। मां संगीता, पिता गोविंद और ताऊ पोस्टमॉर्टम हॉउस पहुंचे, तो बेटी का शव देखते ही बिलख पड़े। मां बदहवास हो गई, उन्होंने कहा कि यह बेटी नहीं मेरा बेटा था।

निश्चित तौर पर यह दु:खद खबर है. हालांकि, अब हम कैम्पस के काउंसिलिंग सेंटर को मेंटल वेलनेस सेंटर में बदलेंगे. हम हमेशा छात्रों को बेहतर माहौल देंगे.जिससे वह केवल अपनी पढ़ाई व संस्थान की अन्य गतिविधियों में शानदार परफार्म कर सकें.-
प्रो.मणींद्र अग्रवाल, निदेशक, आईआईटी कानपुर

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