देहरादून, 11 मई। उत्तराखंड की जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं पर हमेशा ही सवाल खड़े होते रहे हैं. प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का बड़ा अभाव है. जिस कारण मरीज को इलाज और उपचार के लिए देहरादून, ऋषिकेश और दिल्ली की ओर रुख करना पड़ता है. प्रदेश के कई पर्तवीय जिले ऐसे हैं जहां आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज ही नहीं हो रहा है।

उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर में नहीं चलता है आयुष्मान कार्ड
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के पांच पर्वतीय जिले ऐसे हैं, जहां पर आयुष्मान योजना के तहत एक भी निजी अस्पताल पंजीकृत नहीं है. जिसमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी और बागेश्वर जिला शामिल है. ऐसे में इन जिलों के मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई बार राज्य की चिकित्सालय में इलाज न मिलने पर मरीज फिर सीधे देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और दिल्ली की ओर करता है. ताकि अटल आयुष्मान कार्ड के जरिए मरीज का निशुल्क उपचार किया जा सके।

प्रदेश की इन पांच जिलों में मौजूद निजी अस्पतालों का आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत ना होने के सवाल पर, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के क्लेम मैनेजमेंट निदेशक वीएस टोलिया ने बताया कि पांच जिले ऐसे हैं, जहां मौजूद निजी अस्पताल, आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत नहीं है. जिसकी मुख्य वजह यही है कि निजी अस्पतालों के संचालकों की ओर से आवेदन ही नहीं किया गया है. जबकि मैदानी जिलों के सापेक्ष पर्वतीय जिलों में मौजूद निजी अस्पतालों को अटल आयुष्मान के जरिए इलाज पर अधिक धनराशि दी जाती है।

यही कारण है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मरीज को निजी अस्पतालों की तरफ रुख करना पड़ता है. हालांकि, जो इलाज खर्च को उठा सकते हैं वो तो निजी अस्पतालों में इलाज करवा लेते हैं. लेकिन जिनके पास निजी अस्पतालों में इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं होते हैं. वो देहरादून की तरफ रुख करते हैं. ताकि देहरादून स्थित जिला अस्पताल या दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में आयुष्मान कार्ड के जरिए इलाज करा सके. इसके अलावा, देहरादून के निजी अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड के जरिए आसानी से इलाज हो जाता है।

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