नई दिल्ली, 1 मई। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दायर कर कोविशील्ड टीके के किसी भी संभावित दुष्प्रभाव और जोखिम कारकों की जांच के लिए शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एक चिकित्सा विशेषज्ञ समिति गठित करने का अनुरोध किया गया है।

याचिकाकर्ता ने कोविशील्ड वैक्सीन के दुष्प्रभावों और इसके जोखिम कारकों की जांच के लिए एक ऐसी चिकित्सा विशेषज्ञ समिति के गठन के निर्देश का अनुरोध किया है, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली के विशेषज्ञ शामिल हों और इसकी अध्यक्षता संस्थान के निदेशक को सौंपी जाए तथा इसकी देखरेख शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश करें।

याचिका के अनुसार, ब्रिटेन मुख्यालय वाली दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ उसका टीका बहुत दुर्लभ मामलों में कम प्लेटलेट काउंट और रक्त के थक्के बनने का कारण बन सकता है। इस टीके को भारत में कोविशील्ड के रूप में लाइसेंस के तहत बनाया गया था। वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में केंद्र को उन लोगों को मुआवजे के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है, जो गंभीर रूप से दिव्यांग हैं या जिनकी कोविड के दौरान लगाए गए टीके के किसी भी दुष्प्रभाव के कारण मृत्यु हो गई है।

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