डॉ. अजय मोहन सेमवाल। छात्रसंघ चुनाव बहाल कराने की मांग को लेकर देहरादून डीएवी पीजी कॉलेज के छात्रों ने घंटाघर तक जुलूस निकाला। भारी संख्या में पहुंचे छात्रों को रोकने में पुलिस के भी पसीने छूट गए। छात्रों ने मंत्री धन सिंह रावत का पुतला फूंका।
घंटाघर पर हंगामा कर रहे छात्रों को रोकने के लिए पुलिस प्रयास करती रही। इसके बाद छात्र यही पर बैठ गए। छात्रसंघ चुनाव को लेकर केवल देहरादून ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार के शासनादेश के आधार पर जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है।

23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर किया था जारी
बता दें कि, देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचारपत्रों में 25 अक्तूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। इसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव नहीं कराए और ना ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए, जो लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है। इससे छात्रों की पढ़ाई में असर पड़ रहा है।

मसूरीः उत्तराखंड में राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में निरस्त हुए छात्रसंघ चुनाव के बाद विश्वविद्यालयों के छात्रों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. शनिवार को देहरादून के डीएवी कॉलेज और मसूरी एमपीजी कॉलेज के छात्रों ने कॉलेज गेट पर प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री के पुतले को आग के हवाले किया. छात्रों में शिक्षा मंत्री के खिलाफ भारी आक्रोश देखा गया.

प्रदर्शनकारी छात्रों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके लोकतांत्रिक हक को मार दिया है. विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अगर छात्र नेता नहीं होंगे तो शिक्षक व प्रबंधक छात्रों से जुड़े मुद्दों की अनदेखी करेंगे. इतना ही नहीं, छात्रों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 4 नंवबर तक छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की मांग नहीं मानी जाती तो वह अनिश्चितकाल के लिए कॉलेज में तालाबंदी कर देंगे और पढ़ाई नहीं होने देंगे.

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