हल्द्वानी, 19 अगस्त। अगले शिक्षा सत्र से कुमाऊं विवि अपनी परिधि के अधीन पांच गांवों को गोद लेगा। यह पहला मौका है जब विवि गोद लिए गांवों के विकास के लिए अपनी भागीदारी निभाएगा। इसके साथ ही विवि से संबद्ध सभी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षा-शोध के उन्नयन के लिए विद्या सेतु कार्यक्रम शुरू किया है। इन सभी के लिए विवि को वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है।

कुमाऊं विवि मुख्यालय के समीपवर्ती पटवाडांगर में गांवों को चयनित कर रहा है। जल्द ही चयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उक्त गांवों की डेमोग्राॅफी का अध्ययन किया जाएगा। साथ ही शैक्षिक, सामाजिक उत्थान के लिए विवि की टीम यहां कार्यक्रम आयोजित करेगी। साथ ही शिक्षा-शोध के उन्नयन के लिए विद्या सेतु कार्यक्रम के लिए विवि से संबद्ध महाविद्यालयों के लिए सुधारात्मक प्रयास किए जाएंगे।

विभागों का इस तरह लिया जाएगा सहारा
विवि से मिली जानकारी के अनुसार लॉ, फार्मेसी, रूरल मैनेजमेंट के साथ ही अन्य विभागों व केंद्रों का इसमें सहारा लिया जाएगा। जहां लॉ के विद्यार्थी गांवों में पहुंचकर विधिक सलाह देंगे वहीं फार्मेसी विभाग की ओर से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। जरूरी होने पर उन्हें दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके अलावा सरकार और विवि की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी भी गांव-गांव तक दी जाएगी।

विवि की ओर से पांच गांव गोद लिए जाएंगे। गांवों में शैक्षिक, सामाजिक उत्थान के लिए विवि की टीम विभिन्न कार्यक्रम करेगी। विवि से संबद्ध सभी राजकीय महाविद्यालयों में शिक्षा, शोध के उन्नयन के लिए विवि ने विद्या सेतु कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसके लिए चार लाख की वित्तीय स्वीकृति मिली है।
– प्रो. डीएस रावत, कुलपति, कुमाऊं विवि।

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