देहरादून, 18 अप्रैल। उत्तराखंड में फार्मा कंपनियों की भरमार है. कई बार नकली दवाइयां की सूचना भी ड्रग्स कंट्रोल विभाग को मिलती रहती है. ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार भी नकली दवाइयां और दवाइयां की गुणवत्ता को लेकर अभियान चला रहा है. जिसके तहत मार्च महीने में केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने 931 दवाइयों का सैंपल लेकर उसकी जांच की थी. जिसमें से 864 सैंपल सही पाए गए हैं, जबकि 66 सैंपल फेल हुए हैं. एक सैंपल मिस ब्रांडेड पाया गया है. फेल हुए 66 सैंपल में से 11 सैंपल उत्तराखंड में निर्मित की गई है.

सात फार्मा कंपनी हरिद्वार में जबकि 2 देहरादून में
उत्तराखंड में स्थित 9 फार्मा कंपनियों के 11 सैंपल फेल होने के बाद केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही खाद्य संरक्षण एवं औषधि प्रशासन, उत्तराखंड को इस बाबत जानकारी दी है. जिन 9 फार्मा कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें से दो फार्मा कंपनी देहरादून और 7 फार्मा कंपनी हरिद्वार में स्थित है. केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन की ओर से फेल हुए सैंपल की जानकारी मिलने के बाद औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने इन सभी 9 कंपनियों के उत्पाद लाइसेंस को निलंबित कर दिया है. साथ ही इन कंपनियों को इस बाबत निर्देश दिए हैं कि इन सभी 11 दवाइयों का स्टॉक तत्काल बाजार से वापस मंगाए.

सभी 9 फार्मा कंपनियों के उत्पाद लाइसेंस निलंबित
वहीं, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि उत्तराखंड के 9 फार्मा कंपनियों की 11 दवाओं के सैंपल फेल होने की रिपोर्ट केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन से मिल गई है. इसके बाद इन सभी 9 फार्मा कंपनियों के उत्पाद लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही फार्मा कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि संबंधित बैच की दवाइयों के स्टॉक को बाजार से वापस मंगा लिया जाए, ताकि इन दवाओं का विक्रय ना हो सके.

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