डॉ. अजय मोहन सेमवाल

देहरादून,21 फरवरी 2025!

बीजेपी विधायक दल की बैठक में बुधवार को रेखा गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना गया. वे शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनकर आयीं हैं. उन्होनें अपनी राजनीति की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से की थी. जहां उन्हें कई बड़े पद मिले. इस दौरान उन्होंने छात्र मामलों को लेकर कई अहम मुद्दों को उठाया.
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने जीत के बाद शालीमार बाग सीट से चुनकर आयीं रेखा गुप्ता को  मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया है. उनकी राह आसान नहीं थी. मुख्यमंत्री पद की रेस में कई कद्दावर नाम थे, इसके बाद भी रेखा गुप्ता को प्राथमिकता देते हुए दिल्ली की कमान सौंपी गई है. रेखा गुप्ता ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में रहकर की थी. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (डूसू) की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं.
रेखा गुप्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से लंबे समय से जुड़ी हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि संघ की तरफ से सीएम पद के लिए रेखा का नाम दिया गया था. रेखा गुप्ता के दिल्ली सीएम चुने जाने पर सबसे ज्यादा चर्चा ABVP की हो रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत करने वाली रेखा आज दिल्ली की सीएम बनने वाली हैं.

एबीवीपी से शुरू की थी राजनीति

मूल रूप से हरियाणा के जींद से आने वाली रेखा गुप्ता का जन्म साल 1974 में जुलाना में हुआ था. रेखा की अपने कॉलेज टाइम से ही राजनीति में एंट्री हो गई थी. कॉलेज के दिनों में ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) जुड़ गईं थीं, काफी एक्टिव होने के कारण उन्हें पद भी बहुत जल्दी मिलते रहे.
रेखा ने साल 1992 में दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलतराम कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. वह 1995-96 में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव बनी थीं और 1996-97 में डूसू अध्यक्ष भी रह चुकी हैं. जहां उन्होंने छात्र मामलों को लेकर कई अहम मुद्दों को उठाया. साल 2002 में रेखा बीजेपी में शामिल हो गईं और पार्टी की युवा शाखा की राष्ट्रीय सचिव बनाई गईं !

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