श्रीनगर, 7 दिसम्बर। गढ़वाल विश्वविद्यालय के उद्यानिकी विभाग और उत्तराखंड उद्यान विभाग द्वारा छात्रों को पढ़ाई के साथ स्टार्टअप और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अभिनव प्रयास किया जा रहा है. यहां छात्रों को जैम, जेली, जूस और अचार बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्रों द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट को उद्यान विभाग द्वारा मार्केट प्रोवाइड करवाने का काम भी किया जा रहा है. यह प्रयास छात्रों की आय स्रोत भी बनेगा, ताकि छात्र पढ़ाई के साथ-साथ वे आमदनी की ओर भी बढ़ सकें.

उद्यानिकी विभाग के इस अभिनव प्रयास में छात्र बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. यहां छात्रों द्वारा आंवले का अचार, जूस, जैम, जेली बनाया जा रहा है. साथ ही मिक्स वेज अचार, मिर्ची का अचार और माल्टे का जूस जैसे प्रोडक्ट छात्रों द्वारा तैयार किए जा रहे हैं. जिन्हें विभाग द्वारा पैकिंग कर उद्यान विभाग के माध्यम से बाजार में बेचा जा रहा है.

प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत खाद्य प्रसंस्करण केंद्र देवप्रयाग प्रभारी रमेश चंद्र सती ने बीएससी अंतिम वर्ष के छात्रों को खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी जानकारियां दी. उन्होंने कहा, ‘खाद्य प्रसंस्करण के जरिए जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके तहत फलों से पेय व अन्य खाद्य पदार्थ, अचार बनाना, पैकेजिंग, शामिल है.

उद्यानिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तेजपाल बिष्ट ने बताया कि छात्रों द्वारा ही आंवले और सिट्रस कैंडी बनाने के लिए शोध किया जा रहा है. अगर यह शोध सफल रहता है, तो व्यावसायिक रूप से विभाग द्वारा छात्रों की मदद से कैंडी बनाई जाएगी.

उद्यानिकी विभाग की शोध छात्रा हिमानी रावत का कहना है कि इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. छात्र जो पढ़ते हैं, उसको प्रैक्टिकल कैसे किया जाता है? इन सब चीजों के बारे में छात्रों को सिखाया जा रहा है. छात्रों को भविष्य में रोजगार की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा. छात्र कॉलेज समय में ही कम संसाधनों के साथ काफी कुछ सीख रहे हैं.

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