डॉ. अजय मोहन सेमवाल। बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस जैसे कोर्सों में अब नीट में महज 35 परसेंटाइल पर भी एडमिशन मिल सकेगा। अभी तक सामान्य श्रेणी में 50 परसेंटाइल से कम पर एडमिशन नहीं मिल पाता था। यह नया नियम उत्तराखंड में इसी सत्र से लागू कर दिया गया है और आखिरी राउंड की काउंसलिंग इसी के मुताबिक की जाएगी।
अभी तक 50 परसेंटाइल से कम पर भी नहीं मिलता था एडमिशन
बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस जैसे कोर्सों के लिए नीट का स्कोर इस्तेमाल किया जाता है और इसके लिए न्यूनतम परसेंटाइल अभी तक उतना ही था, जितना एमबीबीएस सीट के लिए चाहिए होता है। यह अभी तक अनारक्षित श्रेणी के लिए 50 परसेंटाइल और एससी, एसटी व ओबीसी के लिए न्यूनतम 40 परसेंटाइल होना जरूरी था, लेकिन इसके चलते बीएएमएस, बीएचएमएस और बीयूएमएस जैसे कोर्सों की सीटें नहीं भर पर रही थी, क्योंकि जिन अभ्यर्थियों का परसेंटाइल 50 से ज्यादा होता है, वे आमतौर से एमबीबीएस के लिए ही प्रयास करते हैं। जिनको एमबीबीएस की सीट नहीं मिल पाती, उनमें से ज्यादातर अगले साल फिर प्रयास करने के इरादे से बीएएमएस जैसे कोर्सों में एडमिशन नहीं लेते। इस कारण इन कोर्सों की सीटें भरने में अक्सर समस्या आती रही है।
निजी कालेजों की सीटें इस साल भी रह गयी हैं खाली
इस साल भी उत्तराखंड में सरकारी सीटें तो पहले ही राउंड में 90 प्रतिशत से ज्यादा भर गयी थी लेकिन ज्यादातर निजी काॅलेजों की सीटें अभी तक भर नहीं सकी हैं। इसे देखते हुए भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (एमसीआईएसएम) ने नियमों में बदलाव कर दिया है। उत्तराखंड आयुर्वेदिक विवि के कुलसचिव रामशरण शर्मा ने बताया कि इस बारे में पत्र मिल गया है और अभी जो आखिरी राउंड चल रहा है, उसी से अनिवार्य परसेंटाइल को 50 से घटाकर 35 करने के नियम को लागू किया जा रहा है।

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