देहरादून, 18 अक्टूबर। उत्तराखंड में बिजली उपभोक्ता स्मार्ट मीटर को लेकर असमंजस में हैं. दरअसल, स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली के बिल बढ़ जाएगा, इस तरह की बातें कही जा रही हैं, लेकिन, ऐसा नहीं है. स्मार्ट मीटर न केवल आपको एक्यूरेट बिजली का बिल बताया बल्कि बिजली के उपयोग को लेकर भी नियंत्रण आपके हाथ में ही देगा.

अब जिस तरह मोबाइल डेटा के लिए रिचार्ज किया जाता है उसी तरह बिजली के लिए भी रिचार्ज किया जाएगा. इससे उपभोक्ताओं को कई तरह से राहत मिलेगी. बिजली विभाग लोगों को स्मार्ट मीटर के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. स्मार्ट मीटर लगाए जाने की शुरुआत ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से की गई है.

ऊर्जा विभाग स्मार्ट मीटर को लेकर चल रही तमाम चर्चाओं के बीच स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया को शुरू कर चुका है. खास बात यह है कि आम उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के घर से स्मार्ट मीटर लगाने की शुरुआत की गई है.

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक से लेकर बाकी अधिकारियों के घरों पर भी स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. इसके अलावा विभाग की कोशिश है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और तमाम दूसरे मंत्रियों के साथ ही सरकारी विभागों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएं, ताकि आम लोग भी इसके लिए प्रोत्साहित हो सकें.

उत्तराखंड में करीब 16 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं. उपभोक्ता न्यूनतम ₹100 का स्मार्ट मीटर में रिचार्ज कर सकते हैं. स्मार्ट प्रीपेड मीटर की इस नई व्यवस्था से बिजली के बिलों की समस्या से छुटकारा मिलेगा. गलत मीटर रीडिंग और बिजली के बिलों की समस्या भी खत्म होगी. इसके अलावा बिजली चोरी की बड़ी समस्या भी इससे काफी हद तक रोकी जा सकेगी.

स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने की योजना केंद्र की है. देशभर में इसी तरह स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं. स्मार्ट मीटर का फायदा यह रहेगा की अपने घरों में खर्च होने वाली बिजली की पाल-पाल रिपोर्ट मोबाइल के माध्यम से उपभोक्ता को मिलती रहेगी. उपभोक्ता बिजली के इस्तेमाल को लेकर इन्हीं जानकारी के आधार पर पूरा नियंत्रण कर सकेगा.

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