देहरादून, 5 अगस्त। शासन ने शहीद सैनिकों के आश्रितों को एकमुश्त आर्थिक सहायता और सैनिकों को बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति की राशि में वृद्धि करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में सोमवार को उत्तराखण्ड सैनिक पुनर्वास संस्था की कार्यकारणी समिति की बैठक हुई। इस बैठक में उन्होंने जेसीओ रैंक तक के पूर्व सैनिक व सैनिक विधवाओं के आश्रितों के लिए छात्रवृति अनुदान की धनराशि में वृद्धि पर सहमति दी है।
मुख्य सचिव ने 11वीं व 12वीं कक्षा के बालकों के लिए प्रतिवर्ष 6000 रुपये तथा बालिकाओं के लिए 8000 रुपये, सभी स्नातक कक्षाओं में बालकों के लिए 8000 रुपये तथा बालिकाओं के लिए 10000 रुपये, सभी स्नातकोत्तर कक्षाओं में बालकों के लिए प्रतिवर्ष 10000 रुपये तथा बालिकाओं के लिए 12000 रुपये, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कानून की शिक्षा के लिए 50000 रुपये छात्रवृत्ति अनुदान राशि वृद्धि पर सहमति दी है। उन्होंने मेधावी छात्र अनुदान के तहत कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 30000 व बालिकाओं को 50000 रुपये, कक्षा 12वीं में 80 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को प्रतिवर्ष 40000 तथा बालिकाओं को 60000, स्नातक में 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर बालकों को 50000 रुपये प्रतिवर्ष व बालिकाओं को 70000 रुपये प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है।
एक लाख मकान के रखरखाव के लिए मिलेंगे
मुख्य सचिव ने सैन्य पुनर्वास संस्था से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए प्रदेश के सभी पूर्व सैनिक आश्रितों के सेना, अर्द्धसैनिक बल तथा राज्य पुलिस में चयन होने पर एकमुश्त अनुदान 40000 करने पर सहमति दी है। उन्होंने संस्था द्वारा राज्य के शहीद सैनिकों के आश्रितों को 10 लाख का अनुदान प्रदान करने के प्रस्ताव पर सहमति दी है। इसके साथ ही सीएस ने उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को अन्तिम संस्कार के लिए 10000 रुपये का अनुदान दिए जाने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी है। इसी क्रम में पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को 15 वर्ष में एक बार उनके मकान के रखरखाव के लिए 10,0000 का अनुदान दिया जाएगा।
वर्ष में एक बार उनके मकान के रखरखाव के लिए 10,0000 का अनुदान दिया जाएगा।