नई दिल्ली, 11 जून। देश के कोने-कोने से इन दिनों NEET परीक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी आज ये कहा है कि जितनी शिकायतें पूरे देश भर से आ रही हैं, उससे लग रहा है कि मामला गड़बड़ है.नीट की विश्वसनीयता और शुचिता पर सवाल उठ रहे हैं.
डॉक्टर का सम्मानित पेशा पाने के लिए छात्र दिन-रात मेहनत करते हैं. इस धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर NEET जैसी कठिन परीक्षा से गुजरकर इस मंजिल तक पहुंच पाते हैं. लेकिन जिस तरह NEET परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की शुचिता पर सवाल उठे हैं, वो तमाम मासूम सपनों को तोड़ने वाले हैं.
नीट परीक्षा देने वाले बच्चे किसी मेडिकल कॉलेज की काउंसिलिंग की लाइन में न होकर सड़कों पर खड़े होकर न्याय मांग रहे हैं. तमाम मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं. इस पर आजतक ने कई एक्सपर्ट और बच्चों से बातचीत की जिसमें नंबरों की हेराफेरी पर चर्चा की गई. इस हेराफेरी का नटवर लाल कौन है? NEET में धांधली के आरोपों के बीच उठ रहे ये सात सवाल एनटीए को शक के घेर में खड़ा करते हैं.
1. NTA ने माना था कि सिर्फ एक सेंटर में दिक्कत हुई तो इतने स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स क्यों दिए?
2. जो बच्चे सही में मेहनत करके अच्छे नंबर लाए हैं उनका क्या होगा?
3. स्टूडेंट 20 प्रतिशत बढ़े लेकिन रैंक अचानक चार गुना बढ़ गई, कैसे?
4. मेरे सेंटर में 40 मिनट लेट पेपर मिला, मुझे ग्रेस मार्क्स क्यों नहीं मिले?
5. पेपर डिफिकल्टी पिछले साल जितनी ही थी, फिर 67 टॉपर्स कैसे हो गए?
6. नौ-दस अप्रैल को जो विंडो ओपन किया गया था,उसमें किस-किसने फिल अप किया?