अपार आईडी रैकिंग में उत्तराखंड का देशभर में 8वां स्थान, सरकार की पॉलिसी से मिलेगा छात्रों को लाभ

अपार आईडी रैकिंग में उत्तराखंड का देशभर में 8वां स्थान, सरकार की पॉलिसी से मिलेगा छात्रों को लाभ

देहरादून, 11 दिसम्बर। भारत सरकार की ‘वन नेशन वन आईडी’ योजना के तहत प्रदेशभर में 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की अपार आईडी (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर आईडी) बनाई जा चुकी है। जिसके चलते अपार आईडी रैंकिंग में देशभर में उत्तराखंड का आठवां स्थान है। प्रदेश में सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक पढ़ने वाले शत-प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द सभी छात्रों की अपार आईडी बनाने के निर्देश दिये गये हैं।

पौड़ी गढ़वाल में 70,088 छात्रों की बन चुकी है अपार आईडी
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि ‘वन नेशन वन आईडी’ ’नई शिक्षा नीति 2020’ का हिस्सा है। भारत सरकार की इस स्कीम के तहत राज्य में छात्रों की अपार आईडी जनरेट करने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। प्रदेश में अबतक सरकारी व निजी विद्यालयों के कक्षा एक से लेकर 12वीं तक के 10,18,225 छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। जिसके चलते उत्तराखंड अपार आईडी रैंकिंग में देशभर में आठवें स्थान पर है। रावत ने बताया कि अल्मोड़ा जनपद में 55980 छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। इसी प्रकार बागेश्वर में 30295, चमोली 48732, चम्पावत 29178, देहरादून 132765, हरिद्वार 194129, नैनीताल 118684, पौड़ी 70088, पिथौरागढ़ 45721, रुद्रप्रयाग 21871, टिहरी 58448, ऊधमसिंह नगर 182751 तथा उत्तरकाशी में 29583 छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है।

शैक्षिक दस्तावेजों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से बनाई जा रही है अपार आईडी
रावत ने बताया कि प्रदेशभर में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं की अनिवार्य रूप से अपार आईडी बनाई जायेगी। इस संबंध में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को शैक्षिक दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना है। अपार आईडी में छात्रों का पूरा रेकॉर्ड होने से फर्जीवाड़े की भी संभावनाएं बंद हो जाएंगी। रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की भी अपार आईडी बनाई जायेगी। जिसके निर्देश संबंधित विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं।

अपार आईडी बनाने में टॉप में चमोली जिला टाप पर
सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि अपार आईडी बनाने में चमोली जनपद प्रदेशभर में प्रथम स्थान पर है। चमोली में 70.43 फीसदी छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। दूसरे स्थान पर बागेश्वर जनपद है जहां 67.43 फीसदी छात्रों की आईडी जनरेट कर दी गई है। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर पौड़ी जनपद है जहां 66.11 प्रतिशत छात्रों की अपार आईडी बन गई है। इसके बाद अल्मोड़ में 63 प्रतिशत, चम्पावत 60 प्रतिशत, टिहरी 54.68 प्रतिशत, पिथौरागढ़ 54.40 प्रतिशत, नैनीताल 51.60 प्रतिशत, रूद्रप्रयाग 50.52 प्रतिशत, उत्तरकाशी 45.25 प्रतिशत, ऊधमसिंह नगर 41.85 प्रतिशत, हरिद्वार 39 प्रतिशत तथा देहरादून में 29.15 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है।

क्या है अपार आईडी
नई शिक्षा नीति-2020 की अनुशंसा के अनुरूप भारत सरकार की ‘वन नेशन वन आईडी’ योजना के तहत प्रत्येक छात्र-छात्राओं की ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्टर आईडी (अपार आईडी) बनाई जायेगी। जिमसें प्रत्येक छात्रों को 12 अंकों का एक यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इस अपार आईडी में छात्रों की पढ़ाई से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध रहेगी। इसमें मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम पीटीएम उपस्थिति सहित अन्य जानकारी रहेगी। यह छात्रों के लिए एक स्थायी डिजिटल पहचान के रूप में काम करेगा। अपार आईडी सर्टिफिकेट, प्रवेश परीक्षा, भर्ती जैसे कामों के लिए सहायक होगी। साथ ही संस्थानों के बीच क्रेडिट के हस्तांतरण को सुविधाजनक बनायेगा।

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