हिंदी भाषा के वैश्वीकरण के लिए दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हाईब्रिड संगोष्ठी का आयोजन

हिंदी भाषा के वैश्वीकरण के लिए दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हाईब्रिड संगोष्ठी का आयोजन

डॉ. अजय मोहन सेमवाल। महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय, बिथ्याणी यमकेश्वर एवं विश्व संवाद केंद्र उत्तराखंड के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हाईब्रिड संगोष्ठी विषयक हिंदी भाषा का वैश्वीकरण के प्रथम दिवस के उदघाटन सत्र का विधिवत प्रारम्भ महाविद्यालय प्राचार्य प्रोफेसर योगेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्ल्वन व मंगलाचरण द्वारा किया गया।

छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई व आभासी माध्यम से प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा पूर्व प्राचार्य एवं अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, पूर्व संचालक मध्य प्रदेश हिंदी ग्रन्थ अकादमी, अध्यक्ष मध्य प्रदेश टेक्स्ट बुक राइटिंग स्टैंडिंग कमेटी, भोपाल, सदस्य राष्ट्रीय पाठ्यचर्या निर्माण समिति भारत सरकार, पूर्व अध्यक्ष राष्टीय पुस्तक न्यास, नई दिल्ली व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विद्या भारती, भारत डॉ राकेश राणा एसोसिएट प्रोफेसर एम.एम.एच कॉलेज गाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश, डॉ. डिल्लीराम शर्मा नेपाल, प्रो. विनय विद्यालंकार प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय बेताल घाट नैनीताल उत्तराखंड, डॉ शोबना लक्ष्मी देवी फिजी, गिरीश सिंह सजवाण न्यूजीलैंड, उषा सिंह न्यूजीलैंड, प्रो. गीता सिंह निदेशक सी.पी.डी.एच.ई. दिल्ली विश्वविद्यालय, डॉ. सविता पाण्डेय प्रभारी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया अल्मोड़ा, डॉ. गार्गी लोहानी असि.प्रोफेसर हिंदी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अल्मोड़ा, डॉ.रामचंद्र सिंह विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शहीद मंगल पाण्डे स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश अपनी गरिमामयी उपस्थिति दी।

हिंदी भाषा विश्व बाजार की भाषा: डा. राकेश राणा
उपर्युक्त कार्यक्रम का संचालन डॉ, नीरज नौटियाल के द्वारा किया गया व संगोष्ठी विषय परिचय संयोजक श्रीमती पूजा रानी द्वारा किया गया। उदघाटन सत्र के सभापति विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष सुरेन्द्र मित्तल रहे व उपसभापति व उदघाटन सत्र का संचालन डॉ. गिरिराज सिंह ने किया। उदघाटन सत्र में प्रो. गोविन्द प्रसाद शर्मा ने बीज वक्ता के रूप में हिंदी भाषा के वैश्वीकरण के परिपेक्ष्य में व्याख्यान दिया, डॉ.राकेश राणा ने हिंदी भाषा को विज्ञान व तकनीकी से जोड़ते हुए वर्तमान में हिंदी भाषा को विश्व बाजार की भाषा बताया। डॉ डिल्ली राम शर्मा नेपाल ने नेपाली हिंदी और भारतीय हिंदी के रिश्ते पर विचार व्यक्त किये।

प्रथम सत्र में गोविन्द प्रसाद शर्मा सभापति व उपसभापति व उदघाटन सत्र का संचालन असि. प्रोफेसर विनय कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया और प्रो. विनय विद्यालंकार ने हिंदी को संस्कृत भाषा की पुत्री बताते हिंदी भाषा के वैश्वीकरण पर व्याख्यान दिया। डॉ शोबना लक्ष्मी देवी फिजी, गिरीश सिंह सजवाण न्यूजीलैंड, उषा सिंह न्यूजीलैंड, ने प्रवासी साहित्यकारों द्वारा हिदी भाषा के विश्व पटल पर फैलाव की चर्चा की।

द्वितीय सत्र में सभापति प्रो. विनय विद्यालंकार रहे व उपसभापति व उदघाटन सत्र का संचालन डॉ.नीरज नौटियाल ने किया और प्रो. गीता सिंह निदेशक सी.पी.डी.एच.ई. दिल्ली विश्वविद्यालय मुख्य वक्ता डॉ.सविता पाण्डेय प्रभारी प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय चौखुटिया अल्मोड़ा, डॉ. गार्गी लोहानी असि. प्रोफेसर हिंदी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अल्मोड़ा, डॉ. रामचंद्र सिंह विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान शहीद मंगल पाण्डे स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेरठ उत्तर प्रदेश ने वक्ताओं ने हिंदी भाषा के मीडिया, सोशल साईट व गूगल में हिंदी के विस्तार को बताया। प्रथम दिवस अंतिम सत्र का समापन सभापति प्रो. विनय विद्यालंकार ने शांति मंत्र पाठ के साथ किया।

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