श्रीनगर, 15 अप्रैल। गढ़वाल विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारी बायोमैट्रिक हाजिरी के विरोध में खुलकर उतर आए हैं जबकि अधिकांश कर्मचारियों ने सोमवार को बायोमैट्रिक मशीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस संदर्भ में गढ़वाल विवि के प्रशासनिक भवन में आयोजित की गई शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की बैठक में निर्णय लिया कि जब तक विवि में तैनात समस्त कर्मियों की बायोमैट्रिक हजारी की व्यवस्था नहीं बनती है, तब तक बायोमैट्रिक हाजरी नहीं लगाई जाएगी। इस मौके पर गढ़वाल विवि के कुलसचिव डा. धीरज शर्मा को ज्ञापन प्रेषित किया।
बैठक में अखिल विवि कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेंद्र भंडारी ने कहा कि बायोमैट्रिक हजारी का कोई विरोध नहीं है। कहा कि संविदा, दैनिक वेतन भोगी सहित जितने भी कर्मचारी विवि से वेतन लेते है, उनके लिए बायोमैट्रिक हाजरी की व्यवस्था की जाये। भंडारी ने कहा कि पास में ही एनआईटी सहित जेएनयू विवि में भी समस्त कर्मचारियों की बायोमैट्रिक हाजरी ली जाती है। लेकिन गढ़वाल विवि में केवल शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से ही बायोमैट्रिक हाजरी ली जा रही है। कहा कि विवि प्रशासन सबके लिए एक नीति बनाये।
गढ़वाल विवि में 5डे व्यवस्था लागू करने की मांग
उन्होंने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया है कि जब तक विवि का प्रत्येक कर्मचारी के लिए बायोमैट्रिक हाजरी की व्यवस्था लागू नहीं कि जाती तब तक शिक्षणेत्तर कर्मचारी बायोमैट्रिक हाजरी नहीं लगाएंगे। इस मौके पर उन्होंने गढ़वाल विवि में फाइव डे वर्किंग की व्यवस्था लागू करने की मांग की है। उत्तराखंड विवि कर्मचारी महासंघ के सचिव मनोज रतूड़ी, संयुक्त सचिव देवी प्रसाद लखेडा, पूर्व उपाध्यक्ष पुष्कर सिंह चौहान, रोशन सिंह रावत, सुनील भट्ट, कुलदीप सिंह रावत सहित आदि मौजूद थे।
एक मई से शिक्षक भी देगे बायोमैट्रिक हाजरी
गढ़वाल विवि के कुलसचिव डॉ डीएस शर्मा ने बताया कि गढ़वाल विवि में अभी बायोमैट्रिक हाजिर ट्रायल बेस पर है। अभी बायोमैट्रिक में तकनीकी खामियां देखने को मिल रही हैं। शिक्षकों का बायोमैट्रिक डाटा पूर्ण न होने के चलते अभी उनके लिए बायोमैट्रिक व्यवस्था लागू नहीं की गयी है। 1 मई से शिक्षकों की बायोमैट्रिक हाजरी लगाना प्रस्तावित है। बायोमैट्रिक से सम्बंधित जो भी निर्णय होगा उसे आगे लागू किया जायेगा।