यमकेश्वर, 22 मार्च। राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर यूसार्क ( Uttarakhand science education and research Council) के सहयोग से वर्षा जल संचयन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ उच्च शिक्षा निदेशक प्रोफेसर सी डी सूंठा एवं संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, प्रोफेसर आनंद सिंह उनियाल के दीप प्रज्वलन एवं संदेश से किया गया।
दुनिया में 70 फीसदी जल, लेकिन पीने योग्य मात्र 3 फीसदी
विश्व जय दिवस पर कार्यक्रम में उपस्थित प्रथम रिसोर्स पर्सन डा हरी राज सिंह (specs, Dehradun) ने वर्षा जल को कैसे संचय किया जाए के संबंध में छात्र-छात्राओं को जानकारी दी| इसी कड़ी में वक्ता डा बृजमोहन शर्मा ( Secretary, SPECS Dehradun) ने प्राकृतिक संसाधन एवं पहाड़ों में वर्षा जल कैसे संचय किया जाए के संबंध में अपने विचारों से सभी को अवगत कराया। अंत में वक्ता प्रो गुलशन कुमार ढींगरा (डीन, श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय) के द्वारा रेनवाटर हार्वेस्टिंग विषय पर चर्चा एवं परिचर्चा की गई। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर एमपी नगवाल के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। वक्ताओं ने अपने वक्तव्यों पर इस बात पर जोर दिया कि दुनिया में भले ही 70 फीसदी जल हो, लेकिन पीने योग्य पानी मात्र 3 फीसदी ही है। इस कारण स्वच्छ जल की मांग बढ़ रही है और पूर्ति की समस्या बढ़ रही है।
कार्यक्रम में डॉ राम सिंह सामन्त, डॉ विनय कुमार पांडेय, डॉ सुनील देवराडी, डा नीरज नौटियाल, डॉ कमलेश कुमार, महेंद्र सिंह बिष्ट, मानेन्द्र सिंह बिष्ट सीमा देवी, पूनम, सुनील रावत बीना देवी, भगत सिंह, वेद किशोर नेगी, धर्मेंद्र सिंह, अखिलेश सिंह, प्रशांत कुकरेती, ग्राम प्रधान बिथ्यानी सतेन्द्र सिंह नेगी, ग्राम प्रधान ठांगर महावीर सिंह एवं समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ पूजा रानी एवं डॉ नीरज नौटियाल के द्वारा किया गया।