डॉ. अजय मोहन सेमवाल। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम में दीपावली का पर्व एक नवंबर यानि आज मनाया जा रहा है। दीपावली को लेकर बदरीनाथ धाम में जोर-शोर से तैयारियां की गयी हैं. बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर को लगभग आठ क्विंटल रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है.
इस बार दिवाली को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन रहा
बता दें कि इस बार दीपावली को लेकर बड़ा कन्फ्यूजन रहा। अयोध्या में जहां 31 अक्टूबर को दीपावली मनाई गयी, तो वहीं उत्तराखंड के केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में दीपावली एक नवंबर को मनायी जा रही है। इस अवसर पर धनतेरस पर्व से लेकर महालक्ष्मी पूजन तक तीन दिन का विशेष पूजन बदरीनाथ धाम में होता है.
भगवान श्री हरि नारायण प्रभु के साथ बद्रीश पंचायत में विराजमान धन कुबेर भंडारी जी और माता महालक्ष्मी जी के मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही दीपोत्सव का कार्यक्रम भी होता है। बीकेटीसी के उपाध्यक्ष किशोर पंवार का कहना था कि इस बार कार्तिक स्नान सहित दीपावली पर्व को लेकर बदरीपुरी में श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया। वहीं खुशनुमा मौसम के बीच लगातार धाम में श्रद्धालुओं की आमद बढ़ती जा रही है.
साढ़े 12 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं बदरीविशाल के दर्शन
बदरीनाथ धाम में अब तक करीब 12 लाख 53 हजार 442 तीर्थ यात्रियों ने भगवान श्री बदरीविशाल जी के दर्शन का पुण्य लाभ अर्जित किया। बदरीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि दीपावली को लेकर लोगों में कुछ भ्रम की स्थिति बनी रही, लेकिन पंचांग व धार्मिक रीति-रिवाज के अनुसार दीपावली एक नवंबर यानि आज मनाई जा रही है। बदरीनाथ में भी एक नवंबर को ही दीपावली मनाई जा रही है। अमावस्या पर उपासना करने वालों के लिए 31 अक्टूबर की मध्य रात्रि सही रहेगी, लेकिन दीपावली एक नवंबर को है.