देहरादून, 18 जून। उत्तराखंड में मानसून ने अभी दस्तक नहीं दी है। प्री मानसून की बारिश भी नहीं हो रही है, इससे प्रचंड गर्मी पड़ रही है। देहरादून में इस सीजन में तीसरी बार पारा 43 डिग्री के पार हो गया है। मई से अभी तक कुछ दिनों को छोड़ लगातार गर्म हवाएं झुलसा रही हैं।
सोमवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री इजाफे के साथ 43.1 डिग्री रहा। इससे पहले साल 1902 की चार जून को अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री रहा था, जो अभी तक का ऑल टाइम रिकॉर्ड है।
गर्मी के इस प्रचंड रूप की वजह मौसम वैज्ञानिक प्री मानसून की बारिश का न होना भी बता रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है प्री मानसून की बारिश में आई गिरावट और जलवायु परिवर्तन के चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक भीषण गर्मी पड़ रही है। यही वजह है कि दिन के साथ रात को भी गर्म हवाएं खूब झुलसा रही हैं।
इस सीजन उत्तराखंड की गर्मी ने कई बार नए रिकॉर्ड बनाए। रिकॉर्डतोड़ गर्मी का सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। जबकि मई में ही दो बार दून का पारा 43 पहुंच गया है। इससे पहले 14 मई को दून का अधिकतम पारा 43 पहुंचा था।
मैदान से लेकर पहाड़ तक चलेंगी गर्म हवाएं
प्रदेश के मैदानी इलाकों के साथ पर्वतीय जिलों के कुछ हिस्साें में मंगलवार को गर्म हवाएं चलेंगी। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से देहरादून समेत पौड़ी, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के कुछ स्थानों पर गर्म हवा चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में गर्म हवाओं का येलो अलर्ट जारी किया गया। हालांकि ऊंचाई वाले इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चलने की संभावना है।
हमेशा ठंडी रहने वाली मसूरी में भी 33 डिग्री पहुंचा पारा
अपने ठंडे मौसम के लिए मशहूर पहाड़ों की रानी मसूरी इन दिनों भीषण गर्मी का सामना कर रही है। शहर में सोमवार को तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया। गर्मी के कारण सड़कों पर गिने-चुने पर्यटक ही नजर आए।
मैदानी क्षेत्रों में पड़ रही भीषण गर्मी से बचने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी मसूरी पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां भी उन्हें गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार दोपहर में तेज धूप के कारण मालरोड जैसी व्यस्त सड़क पर भी सन्नाटा पसरा रहा। इक्का-दुक्का जो पर्यटक दिखे भी वह गर्मी से परेशान रहे। घरों में लोगों ने पंखों-कूलरों का सहारा लिया। हालांकि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक 19 जून के बाद बारिश होने से तापमान में कमी आएगी। वहीं, शहर में बढ़ रहे तापमान पर पर्यावरणविदों ने चिंता जातई है।