हैदराबाद, 23 अप्रैल। रामनवमी उत्सव की पूर्व संध्या पर, एबीवीपी हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के सदस्यों पर एसएफआई गुंडों द्वारा एक क्रूर और पूर्व नियोजित हमला किया गया, जो हिंदू धार्मिक विश्वासियों के प्रति घोर असहिष्णुता दर्शाता है। विरोधी विचारधाराओं के प्रति घृणा से प्रेरित इन गुंडों ने विशिष्ट एबीवीपी सदस्यों को निशाना बनाया जो वामपंथी विचारधारा के मुखर आलोचक थे। इस सुनियोजित हमले के परिणामस्वरूप हमारे कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आईं, जिन पर हॉस्टल-जे में धारदार वस्तुओं से बेरहमी से हमला किया गया।
हमारे कार्यकर्ताओं को बचाने के एक साहसी प्रयास में, एबीवीपी कार्यकर्ता हॉस्टल-जे की ओर भागे, लेकिन उन्हें एसएफआई कैडर से और अधिक आक्रामकता का सामना करना पड़ा, जो हमले की सोची-समझी प्रकृति का प्रदर्शन था। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर में, जहां हमारे घायल कार्यकर्ताओं ने चिकित्सा सहायता मांगी, एसएफआई कार्यकर्ता समर्थन देने पहुंची एबीवीपी की महिला सदस्यों के साथ यौन उत्पीड़न करने के घृणित स्तर तक गिर गए।
एसएफआई कैडर द्वारा यह निंदनीय व्यवहार न केवल हमारे शैक्षणिक संस्थानों की पवित्रता के प्रति उनकी पूर्ण उपेक्षा को दर्शाता है, बल्कि परिसर के सद्भाव को बाधित करने के उनके घातक एजेंडे को भी उजागर करता है। एबीवीपी ने हमेशा विश्वविद्यालय परिसर के भीतर शिष्टाचार और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों को बरकरार रखा है। हालाँकि, एसएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा बार-बार उकसावे और हिंसक कार्रवाइयां, जो अक्सर नशीली दवाओं के दुरुपयोग से प्रेरित होती हैं, हमारे सदस्यों की सुरक्षा और भलाई के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं। हम अपने कार्यकर्ताओं पर इस बर्बर और जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हैं, विशेषकर हमारी महिला सदस्यों पर घृणित हमले की। एबीवीपी न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय करेगी कि अपराधियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए।
एबीवीपी एचसीयू इकाई के अध्यक्ष बालकृष्ण ने कहा, ‘नशीले पदार्थों के प्रभाव में, इन गुंडों ने हमारे कार्यकर्ताओं पर हिंसक हमला किया है। भगवान राम के प्रति उनकी असहिष्णुता का उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा भड़काना और परिसर में रक्तपात करना है। हम इस मामले पर उचित जांच की मांग करते हैं।’
एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव श्रवण बी राज ने कहा, ‘एबीवीपी शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी। एचसीयू के हमारे कार्यकर्ताओं पर एसएफआई अपराधियों द्वारा क्रूरतापूर्वक हमला किया गया और वे चिकित्सा निगरानी में हैं। एसएफआई के नेतृत्व वाला छात्र संघ एबीवीपी के खिलाफ हिंसा फैलाने के लिए अपनी प्रशासनिक शक्ति का उपयोग कर रहा है। पूरे देश ने देखा कि कैसे केरल में वेटरनरी कॉलेज के छात्र सिद्धार्थन की हत्या कर दी गई। एसएफआई देशभर के सभी परिसरों में हिंसा का यही तरीका अपना रही है। यह समय हमारे परिसरों में हो रहे लाल आतंक और वामपंथी गुंडागर्दी के खिलाफ खड़े होने का है। एबीवीपी इस मुद्दे पर एसएफआई अपराधियों के खिलाफ निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग करती है।’