नई दिल्ली, 27 सितम्बर। केंद्र सरकार ने परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) में संशोधन करके असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की मजदूरी में वृद्धि की है। इसका उद्देश्य श्रमिकों को जीवन-यापन की बढ़ती लागत से निपटने में मदद करना है। नई मजदूरी दरें एक अक्टूबर, 2024 से प्रभावी होंगी। पिछला संशोधन अप्रैल, 2024 में किया गया था।
श्रमिकों को मिलेगा इसका लाभ
केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के अंतर्गत भवन-निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, स्वीपिंग, क्लीनिंग, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। न्यूनतम मजदूरी दरों को अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर ए, बी और सी श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी
संशोधन के बाद भौगोलिक क्षेत्र-ए में निर्माण, झाड़ू लगाने, सफाई करने, लोडिंग और अनलोडिंग में लगे अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी दर 783 रुपये प्रतिदिन (20,358 रुपये प्रति माह), अर्धकुशल श्रमिकों के लिए 868 रुपये प्रतिदिन (22,568 रुपये प्रति माह) होगी।
श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई
वहीं, कुशल श्रमिकों के लिए मजदूरी दर 954 रुपये प्रतिदिन (24,804 रुपये प्रति माह) और उच्च कुशल श्रमिकों के लिए 1,035 रुपये प्रतिदिन (26,910 रुपये प्रति माह) होगी। केंद्र सरकार औद्योगिक श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर वर्ष में दो बार वीडीए में संशोधन करती है, जो एक अप्रैल और एक अक्टूबर से प्रभावी होता है।
सरकार का नई मजदूरी दरें बढ़ाने का आदेश 1 अक्टूबर 2024 से लागू होगा. पिछला संशोधन अप्रैल 2024 में किया गया था. बता दें, न्यूनतम मजदूरी दरों को कौशल स्तर – अकुशल, अर्ध-कुशल, कुशल और उच्च कुशल – के साथ-साथ भौगोलिक क्षेत्र – ए, बी और सी के आधार पर वर्गीकृत किया गया है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि श्रमिकों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को समर्थन देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्र सरकार ने परिवर्तनीय महंगाई भत्ते (वीडीए) में संशोधन करके न्यूनतम मजदूरी दरों में वृद्धि की घोषणा की है.
केंद्रीय क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में भवन निर्माण, लोडिंग और अनलोडिंग, निगरानी और रखवाली, झाड़ू-पोछा, सफाई, हाउसकीपिंग, खनन और कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगे श्रमिकों को संशोधित मजदूरी दरों से लाभ मिलेगा. केंद्र सरकार औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में छह महीने की औसत वृद्धि के आधार पर, वर्ष में दो बार, 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर से प्रभावी, वीडीए में संशोधन करती है.