नई दिल्ली, 26 जून। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई अब हजारीबाग स्कूल के प्रिंसिपल एहसान-उल-हक से पूछताछ करेगी. एहसान-उल-हक ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने आजतक से बातचीत में अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था.
नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान EOU को ओएसिस स्कूल की भूमिका को संदिग्ध पाया है. अब सीबीआई ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान-उल-हक से नीट पेपर लीक मामले पर पूछताछ करने पहुंची है. खबर है कि सीबीआई एहसान-उल-हक को पूछताछ के लिए पटना लेकर जा सकती है. सीबीआई को शक है कि नीट पेपर लीक मामले में आरोपी चिंटू और एहसान-उल-हक कहीं ना कहीं आपस में जुड़े हुए हैं.
बता दें कि सीबीआई नीट पेपर लीक मामले में आरोपी संजीव मुखिया के खास करीबी चिंटू को रिमांड पर CBI पहले ही ले चुकी है सबसे पहले आज तक ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल और उसके प्रिंसिपल एहसान उल हक की भूमिका पर उठ रहे सवाल को लेकर खबर दिखाई थी. आज तक पर एहसान उल हक ने सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है.
प्रिंसिपल ने आरोपो को लेकर क्या कहा
हजारीबाग ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा था कि मैं एनटीए में सिटी कॉर्डिनेटर हूं. मेरा रोल बहुत ही छोटा होता है कि मुझे बैंक से पेपर को बक्से को रिसीव करना होता है. इसके बाद सुनिश्चित करना कि सारे पेपर्स को कंट्रोल रूम में रखा जा सके. इस रूम में एनटीए के सीसीटीवी लगे होते हैं. यह रूम लॉक रहता है, यहां पर कई सारे इनविजिलेटर होते हैं. हमारा काम होता है सारे सेंटर्स पर राउंड लगाना ताकि कहीं कोई गड़बड़ी ना हो. इसके बाद आखिरी जिम्मेदारी हमारी होती है बक्सों को एनटीए को सौंप देना.
ये बहुत दुखद खबर है कि इस मैटर में कुछ लोग आरोपी हमें ही बता रहे हैं. पेपर सात लेयर में आता है. सबसे पहले एक लोहे का बॉक्स होता है. उसके ऊपर गत्ते का एक कवर होता है. इसके ऊपर एनटीए की टेंपिग होती है. इसमें दो तरह के ताले होते हैं, एक डिजिटल लॉक, जो अपने आप खुलता है और दूसरे ताला को काटना होता है, जिसके लिए छोटी सी आरी भी दी हुई होती है. इसके बाद पैकेट को खोला जाता है. हम लोग जब जांचने के लिए जाते हैं तो उस गत्ते को जांचा जाता है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं है. इस बार जब पेपर आया तो मैंने जांच की थी तब गत्ते या टेपिंग में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी. इस दौरान एनटीए की तरफ से दो ऑब्सर्वर, दो छात्र और बाकी लोग मौजूद होते हैं.
स्कूल की भूमिका है संदिग्ध
नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान EOU को ओएसिस स्कूल की भूमिका को संदिग्ध पाया है. ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक हैं जो CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है. सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर होने के नाते ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल के ऊपर बड़ी जवाबदेही है