देहरादून की आबोहवा को बचाने के लिए आरटीए का बड़ा निर्णय. डीजल विक्रम को शहर से हटाने के लिए संचालकों को 4 माह का समय.

देहरादून की आबोहवा को बचाने के लिए आरटीए का बड़ा निर्णय. डीजल विक्रम को शहर से हटाने के लिए संचालकों को 4 माह का समय.

डॉ. अजय मोहन सेमवाल। संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) ने डीजल विक्रमों को आखिरकार बाहर करने का निर्णय ले लिया है. विक्रम चालकों को मार्च 2025 तक समय दिया गया है. शहर में विक्रमों के स्थान पर 13 सीटर सीएनजी और बीएस-6 पेट्रोल चौपहिया वाहन चलाने का निर्णय हुआ है. इस निर्णय के बाद विक्रम चालकों के सामने दिक्कतें आने वाली है.

जानकारी के मुताबिक, देहरादून शहर में वर्तमान में विक्रम जिस मार्ग पर चल रहे हैं, उनके संचालकों द्वारा चौपहिया वाहन खरीदे जाने पर उसी मार्ग का स्टेज कैरिज का परमिट दिया जाएगा. जबकि वर्तमान में विक्रम कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट में चल रहे हैं. शहर के 10 नए मार्गों पर चौपहिया यात्री वाहनों को परमिट देने के साथ ही मार्गों का विस्तार करने का निर्णय हुआ है.

गौर है कि दून शहर में यात्री वाहनों से निकलने वाले काले धुएं के कारण प्रदूषित हो रही दून की आबोहवा को बचाने के लिए और शहर में परिवहन सेवा में सुधार समेत विस्तार को लेकर 16 अक्टूबर को गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में हुई आरटीए बैठक में निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024 के तहत पुरानी डीजल बसों और विक्रमों को चरणबद्ध तरीके से शहर से बाहर किया जाएगा.

शहर में चलेंगे 8 से 13 सीटर चौपहिया वाहन: एक चरण में विक्रमों के स्थान पर चौपहिया टाटा मैजिक डेढ़ साल पहले लगाए जा चुके हैं. लेकिन वर्तमान में दून शहर में करीब 472 विक्रम चल रहे हैं. अब इन्हें बाहर करके इनके स्थान पर 8 से 13 सीट वाले चौपहिया यात्री वाहनों को चलाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही परिवहन विभाग की तरफ से इनको मार्च 2025 तक का समय दिया गया है.

शहर में सीएनजी पंपों की कमी: हालांकि, हैरानी की बात है कि एक तरफ संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने शहर डीजल विक्रमों को बदल कर सीएनजी करने का निर्णय लिया है. लेकिन दूसरी तरफ शहर के 12 पेट्रोल पंपों में ही सीएनजी उपलब्ध है. जबकि शहर में अब तक प्राइवेट और कमर्शियल गाड़ियां 6200 के करीब है.

आरटीओ सुनील शर्मा का कहना है कि शहर में आम दिनों में सीएनजी की खपत अब तक 24 हजार किलोग्राम है और पर्यटक सीजन के दौरान 35 हजार किलोग्राम है. सीएनजी कंपनी शहर में 62 हजार किलोग्राम सीएनजी उपलब्ध करा सकते हैं.

मैजिक चालकों को अभी तक नहीं मिली सब्सिडी: वहीं विक्रम चालकों का कहना है कि जिस तरह से डेढ़ साल पहले मैजिक चालकों को सब्सिडी देने की बात कही थी. लेकिन अब तक उन्हें सब्सिडी नहीं मिली है. साथ ही सीएनजी विक्रमों के आने से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि शहर में बहुत ही कम पेट्रोल पंपों पर सीएनजी उपलब्ध है. डीजल गाड़ियों में डीजल किसी भी पेट्रोल पंप पर भरवा सकते हैं. लेकिन सीएनजी नहीं होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसलिए परिवहन विभाग को शहर में सीएनजी उपलब्ध करानी होगी. तब इस तरह का निर्णय लिया जाए.

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