शादी के लिए 18 नहीं, अब 21 की उम्र जरूरी… लड़कियों के लिए हिमाचल सरकार ने बदला नियम

शादी के लिए 18 नहीं, अब 21 की उम्र जरूरी… लड़कियों के लिए हिमाचल सरकार ने बदला नियम

नई दिल्ली, 28 अगस्त। लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को लेकर हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. हिमाचल ने लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को बढ़ाकर 21 साल कर दिया है. इसका बिल विधानसभा में पास हो गया है. ऐसे में जानते हैं कि इसके कानून बनने का क्या असर होगा?

हिमाचल प्रदेश में अब 21 साल की उम्र से पहले लड़की की शादी करना या करवाना अपराध होगा. यहां की कांग्रेस सरकार ने लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को 18 साल से बढ़ाकर 21 साल कर दिया है. इसका बिल विधानसभा में पास हो गया है और अब इसे राज्यपाल के पास भेजा गया है. अगर राज्यपाल से इसे मंजूरी मिलती है तो फिर यहां लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र 21 साल हो जाएगी.

इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को बढ़ाया गया है. अब हिमाचल में शादी तभी वैध मानी जाएगी, जब लड़का और लड़की की उम्र 21 साल या उससे ज्यादा होगी.

बालिग होने की उम्र भी बढ़ी
देश में बाल विवाह के खिलाफ 2006 से कानून है. इसके तहत, बालिग उसे माना जाता था जिसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा हो. लेकिन हिमाचल में अगर ये कानून बना तो फिर 21 साल की उम्र करने पर ही उसे बालिग समझा जाएगा, चाहे वो लड़का हो या लड़की.

सभी पर होगा लागू
राज्यपाल की मंजूरी मिलती है तो ये राज्य के सभी मूल निवासियों पर लागू होगा, फिर चाहे वो किसी भी धर्म का ही क्यों न हो. इतना ही नहीं, अगर किसी समाज में कम उम्र में शादी की कोई प्रथा चली आ रही होगी, तो उस पर भी ये कानून लागू होगा. कुल मिलाकर, जो भी व्यक्ति हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी होगा, वो इस कानून के दायरे में आएगा.

माना जाएगा बाल विवाह
अब तक शादी की कानूनी उम्र लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल थी. मगर अब दोनों के लिए 21 साल होगी. यानी, अगर 21 साल से कम उम्र की किसी लड़की की शादी होती है तो उसे बाल विवाह माना जाएगा. अगर लड़का और लड़की, दोनों की उम्र 21 साल से कम है तो वो भी बाल विवाह ही होगा.

शून्य घोषित करवाने की उम्र भी बढ़ी
अगर बाल विवाह होता था तो ऐसी शादी की शून्य घोषित करवाने की अर्जी दो साल के भीतर ही दाखिल की जा सकती थी. प्रस्तावित बिल में इस दो साल की अवधि को बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया है. यानी, अगर किसी लड़की या लड़के की शादी 21 साल से पहले हो जाती है तो वो बालिग होने के पांच साल के भीतर अपनी शादी को शून्य घोषित करवाने की अर्जी दायर कर सकता है.

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