नई दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के निधन पर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि उनके जाने से विद्यार्थी परिषद परिवार अत्यंत शोकाकुल है. सुशील कुमार मोदी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री भी रह चुके हैं. राजशरण शाही ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
उन्होंने बताया कि वर्ष 1983, 1984, 1985 के दौरान सुशील कुमार मोदी ने अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री के दायित्व निभाने के साथ-साथ आपातकाल के विरुद्ध आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई. इतना ही नहीं सुशील मोदी ने देश में छात्र आंदोलन की एक सशक्त पहचान स्थापित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था.
आपातकाल के दौरान वे कुख्यात ‘मीसा’ के तहत 5 बार गिरफ्तार भी हुए और देश को आपातकाल की छाया से मुक्त कराने के लिए लगभग 24 महीने जेल में रहे. व्यवहारकुशलता, संगठनकर्ताभाव तथा मिलनसार व्यक्तित्व की पहचान ही सुशील कुमार मोदी की असली पहचान रहा. शुरुआत एक मजबूत छात्र नेता से लेकर राजनीति में प्रवेश के बाद एक कुशल प्रशासक बनने तक का उनका सफर देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत का माध्यम बनेगा. देश में कर सुधारों को लागू करने में भी उनकी भूमिका काफी अहम रही है.
उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. सुशील कुमार मोदी के निधन पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान तथा राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद के निमंत्रित सदस्य प्रा. मिलिंद मराठे ने सभी अभाविप कार्यकर्ताओं की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु प्रार्थना की है. बता दें कि सुशील कुमार मोदी का सोमवार रात 9.40 बजे दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था. उनका पार्थिव शरीर अस्पताल से सुबह सात बजे पटना ले जाया गया. उसके बाद वहां अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी.