नई दिल्ली, 5 मई। दिल्ली के पब्लिक स्कूल में नौवीं के छात्र के पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर स्कूल की ओर से एसी चार्ज लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. साथ ही कहा कि अकेला स्कूल मैनेजमेंट ही एसी का खर्च क्यों उठाए. अभिभावकों को भी इसमें हिस्सा बंटाना चाहिए.

AC बच्चों की सुविधा के चलाया जा रहा
दिल्ली के बड़े स्कूलों में अपने नौनिहालों का दाखिला कराने से पहले पेरेंट्स क्लास रूम में एयर कंडीशनर की बिजली का खर्च भुगतने को भी तैयार रहें. दिल्ली हाईकोर्ट ने स्कूल में एसी का चार्ज वसूलने के खिलाफ वाली याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि एसी बच्चों की सुविधा के लिए लगाया और चलाया जा रहा है. ऐसे में स्कूल अकेला ही इसके खर्च का बोझ क्यों उठाए!

हर महीने वसूला जा रहा था एसी का 2000 रुपये
दरअसल, दिल्ली के पब्लिक स्कूल में नौवीं के छात्र के पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर स्कूल की ओर से एसी चार्ज लिए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि स्कूल एसी के नाम पर हर महीने 2000 रुपये अतिरिक्त फीस वसूल रहे हैं. पेरेंट्स का तर्क था छात्रों को AC की सुविधा देने की जिम्मेदारी स्कूल मैनेजमेंट की है. इसलिए, उन्हें अपने फंड से इसका खर्च उठाना चाहिए. हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी.

दिल्ली HC ने कहा- स्कूल प्रबंधन अकेला AC का खर्चा क्यों उठाए
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल प्रबंधन अकेला एसी का खर्चा क्यों उठाए? अभिभावकों को भी इसमें हिस्सा बंटाना चाहिए. कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी खारिज कर दी कि एसी बच्चों की सुविधा के लिए लगाया और चलाया जा रहा है. ऐसे में स्कूल अकेला ही इसके खर्च का बोझ क्यों उठाए! ये सुविधा लैब जैसी सुविधाओं से अलग नहीं है. स्कूल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि एसी का शुल्क रसीद में दर्ज है.

एडमिशन से पहले ध्यान से पढ़ें नियम-शर्ते: HC
दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने अपने निर्णय में स्पष्ट कर दिया कि अभी दाखिलों का समय है. अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला कराने से पहले नियम, शर्तें, फीस और अन्य बातें ध्यान से देख-पढ़ और समझ लें. क्योंकि कई सुविधाएं अध्ययन अध्यापन से अलग होती हैं­

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