‘कोविशील्ड वैक्सीन लगा चुके लोगों को हार्ट अटैक का खतरा’ खबर से पूरी दुनिया सकते में

‘कोविशील्ड वैक्सीन लगा चुके लोगों को हार्ट अटैक का खतरा’ खबर से पूरी दुनिया सकते में

नई दिल्ली, 30 अप्रैल।  ब्रिटेन की प्रसिद्ध फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ब्रिटेन की अदालत में पहली बार स्वीकार किया है कि उसकी कोविड-19 की वैक्सीन से लोगों को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टी.टी.एस.) जैसे साइड इफैक्ट भी हो सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन में टी.टी.एस. के साथ थ्रोम्बोसिस नामक एक दुर्लभ साइड इफैक्ट पैदा करने की क्षमता है। आपको बता दें कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के कारण शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं जो आगे चलकर स्ट्रोक या कार्डियक अरैस्ट जैसी घटनाओं का कारण बनते हैं।

कैसे सामने आया था मामला
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते साल जेमी स्कॉट नामक व्यक्ति ने रक्त के थक्के से पीड़ित होने के बाद एस्ट्राजेनेका पर कानूनी कार्रवाई की है। स्कॉट ने जानकारी दी है कि अप्रैल 2021 में वैक्सीन लेने के बाद उनके दिमाग में खून का थक्का जम गया और खून बहने लगा जिससे उनके मस्तिष्क में स्थायी चोट लग गई और वह काम करने में असमर्थ हो गए। मई, 2023 में कंपनी ने कहा था कि वे यह स्वीकार नहीं करते हैं कि टी.टी.एस. सामान्य स्तर पर वैक्सीन से प्रेरित है।

कंपनी ने कोर्ट में सौंपे दस्तावेज
एस्ट्राजेनेका ने कोविशील्ड वैक्सीन बनाने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया था। कंपनी इस वक्त एक मुकद्दमे से निपट रही है जिसमें दावा किया गया है कि उनके टीके से मौतें हुई हैं और इस वैक्सीन को लेने वालों को गंभीर नुकसान हुआ है।

‘एस्ट्राजेनेका’ ने माना वैक्सीन लगाने से बन सकते हैं खून के थक्के
रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट को सौंपे गए कानूनी दस्तावेज में एस्ट्राजेनेका दवा कंपनी ने कहा कि यह माना जाता है कि वैक्सीन बहुत ही दुर्लभ मामलों में टी.टी.एस. का कारण बन सकती है। कंपनी ने कहा है कि इसका कारण अभी पता नहीं है।

100 मिलियन पौंड के मुआवजे की मांग
ब्रिटेन की कोर्ट में दायर मुकद्दमे में प्रभावित व्यक्ति और उनके परिवार करीब 100 मिलियन पौंड के मुआवजे की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि सच्चाई हमारे साथ है और हम हार नहीं मानेंगे। आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ भी सहयोग किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?