डॉ .अजय मोहन सेमवाल

देहरादून,16 मार्च 2025!

उत्तराखंड की धरोहर महिला शिक्षा का केंद्र एम के पी( पी  जी)कालेज देहरादून के संरक्षण के लिए जन जागरुकता अभियान डॉ.ममता सिंह के नेतृत्व में शुरू किया गया है! एम के पी (पीजी) कॉलेज वर्ष 1958 में  अस्तित्व में आया ! इसका उद्देश्य महिला  शिक्षा को बढ़ावा देना था लेकिन वर्तमान में कॉलेज की हालत दयनीय  बनी हुई है ! टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टॉफ के कई पद खाली है! सरकार और कॉलेज प्रबंधन की उदासीनता के कारण छात्र-छात्राओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है! बेहतर होगा कि सरकार को एम के पी (पीजी) कॉलेज की समस्याओं का हल ढूंढना होगा जिससे छात्र-छात्राओं का भविष्य सुरक्षित रहेगा! एमकेपी शिक्षक संघ द्वारा कई बार सरकार को कॉलेज की वर्तमान दशा के विषय में अवगत कराया गया है!

इसी क्रम में एम के पी शिक्षक संघ द्वारा गत वर्षों से महाविद्यालय में चली आ रही समस्याओ के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मौन प्रदर्शन के साथ जनजागरण अभियान प्रारंभ किया गया। शिक्षक संघ अध्यक्षा डा.ममता सिंह ने बताया कि एम के पी जी कालेज उत्तराखंड की महिला शिक्षा की अनमोल विरासत है जहां मध्यम और निम्न वर्ग की छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करती हैं, जहां महर्षि दयानंद सरस्वती, महर्षि कर्वे, स्वामी राम डा ए पी जे कलाम जैसे प्रेरक व्यक्तित्व आये !आज वही संस्थान में 62 की जगह 14 शिक्षिकाएं हैं, 12 वर्षों से पदोन्नति नहीं, वेतन के लिए न्यायालय की शरण, स्थायी प्राचार्या नहीं है इसलिए मानसिक तनाव और सामाजिक अन्याय के कारण जनजागरण किया जा रहा है। अभियान मौन प्रदर्शन के बाद हस्ताक्षर अभियान तथा सेव एम के पी स्टिकर के माध्यम से देहरादून शहर का समर्थन भी मिल रहा है। सचिव डा. पुनीत सैनी ने कहा कि छात्राएं भी बड़ी संख्या में हस्ताक्षर अभियान से जुड़ रही हैं।

जनजागरुकता अभियान में कोषाध्यक्ष डा शालिनी उनियाल, सहसचिव डा .अलका मोहन शर्मा, उपाध्यक्ष डा. आरती सिसौदिया, डा .संगीता खुल्लर, डा .अर्चना शुक्ला, ज्योत्सना शर्मा, डा एल्वी दास, डा .मीनाक्षी शर्मा, डा .तूलिका चंद्रा, डा .नीतू त्रिपाठी, पूनम सिंह, शशि बाला सिंह पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष शालिनी बिष्ट, राघवी चौधरी, तनीषा बिष्ट हस्ताक्षर अभियान में उपस्थित रहे।

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