उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए अलग कैडर बनाने पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा

उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए अलग कैडर बनाने पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा

देहरादून, 15 दिसम्बर। उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए अलग कैडर बनाने पर शिक्षा विभाग विचार कर रहा है. खास बात यह है कि इन विद्यालयों की सीबीएसई की संबद्धता पर चल रही रस्साकशी को लेकर भी विभाग में स्थिति स्पष्ट दिख रही है. इसकी वजह ये भी है कि शासन इस मामले में सीबीएसई की संबद्धता बनाए रखने के पक्ष में दिख रहा है.

उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता सीबीएसई से बने रहने की उम्मीद है. दरअसल, पिछले दिनों उत्कृष्ट विद्यालयों की संबद्धता सीबीएसई से हटाने की बात की जा रही थी. जिसको लेकर विभाग के स्तर पर भी चर्चा चल रही थी. लेकिन अब इस मामले में शासन विचार करने के बाद सीबीएसई की संबद्धता ना हटाए जाने के पक्ष में दिख रहा है.

खास बात यह है कि अभिभावकों द्वारा भी लगातार ऐसे विद्यालयों को सीबीएसई की संबद्धता ना हटाए जाने की मांग की जा रही थी. लिहाजा इस पर विभाग के बड़े अधिकारी विचार कर रहे थे. ऐसे में अब माना जा रहा है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय की संबद्धता सीबीएसई से बनी रह सकती है.

उधर दूसरी तरफ, अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में अलग कैडर बनाए जाने पर भी मंथन चल रहा है. हालांकि अभी इसके लिए मानक तय किए जाएंगे. इसके बाद इन विद्यालयों के लिए अलग कैडेट की व्यवस्था की जाएगी. शिक्षा विभाग में सचिव रविनाथ रमन ने अलग कैडर बनाए जाने की खबर की पुष्टि की है.

उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के हाल ही में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम अच्छे नहीं आए थे. जिसके बाद इन विद्यालयों की व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे थे. साल 2020 में इन विद्यालयों को प्रदेश में चलाए जाने का फैसला लिया गया था. और प्रदेश में 189 विद्यालयों के लिए स्क्रीनिंग परीक्षा के जरिए शिक्षकों का चयन किया गया था. हालांकि, दुर्गम क्षेत्रों में शिक्षकों ने तैनाती नहीं ली थी. जिसके कारण दुर्गम क्षेत्र के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में शिक्षकों की कमी बनी हुई थी.

बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम खराब रहने के बाद से ही अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से सीबीएसई की संबद्धता हटाए जाने की बात कही जा रही थी. लेकिन शासन इसके पक्ष में नहीं दिखाई दे रहा है. इस मामले में अभिभावकों की भी राय ली गई थी और कई अभिभावक संबद्धता हटाए जाने के पक्ष में नहीं दिखाई दे रहे हैं.

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