एक साल का पीजी कराने वाला पहला लखनऊ यूनिवर्सिटी देश का पहला संस्थान

एक साल का पीजी कराने वाला पहला लखनऊ यूनिवर्सिटी देश का पहला संस्थान

डॉ. अजय मोहन सेमवाल। अंक कम होने के चलते एलयू में दाखिला लेने से वंचित रहने वाले स्टूडेंट्स का विवि में पढ़ने का सपना जल्द पूरा होगा। लखनऊ यूनिवर्सिटी में यूजी-पीजी दाखिलों के लिए नया अध्यादेश लागू कर दिया गया है। इसके तहत अब लेट्रल एंट्री के तहत दाखिलों को भी मंजूरी दे दी गई है। इससे फर्स्ट ईयर में एलयू के किसी कॉलेज के दाखिला लेने वाले सेकेंड इयर की पढ़ाई विवि में कर सकेंगे। हालांकि इसके लिए विवि में आवेदन करना होगा। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।

नए अध्यादेश के तहत स्टूडेंट्स अब अपने कॉलेज से ही पूरा कोर्स करने के लिए बाध्य नहीं होंगे। यानी कॉलेज में दो सेमेस्टर करने के बाद बाकी के सेमेस्टर की पढ़ाई दूसरे कॉलेज या विवि में कर सकेंगे। इतना ही नहीं, दूसरे विश्वविद्यालय व उच्च शिक्षा संस्थानों के स्टूडेंट्स को भी लेट्रल एंट्री के तहत एलयू में प्रवेश मिल सकेगा। हालांकि इसके लिए एनईपी के चार वर्षीय यूजी कार्यक्रम में पंजीकृत होना अनिवार्य होगा। सभी स्टूडेंट्स के क्रेडिट अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर अपलोड होने चाहिए।

दाखिले की प्रक्रिया
एलयू के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि यूजी कोर्सों में हर साल कुछ स्टूडेंट्य या फेल हो जाते हैं या किन्हीं कारणों से पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसी सीटें लैप्स हो जाती हैं। नई व्यवस्था के तहत इन्हीं खाली सीटों पर लेट्रल एंट्री के दाखिले लिए जाएंगे। इसके लिए बकायदा आवेदन फॉर्म जारी होगा और मेरिट के आधार पर दाखिला लिया जाएगा। इससे किसी एक जगह पढ़ने की बाध्यता खत्म होगी और खाली सीटों को इस्तेमाल में लाकर नए स्टूडेंट्स को पढ़ने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही सेमेस्टर 7 में प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स के सेमेस्टर 6 तक CGPA 7.5 या इससे अधिक होने अनिवार्य हैं।

वन इयर पीजी कराने वाला देश का पहला संस्थान
एलयू में एक साल के पीजी कोर्स पर भी मुहर लगा दी गई है। इसके तहत चार साल का यूजी पाठ्यक्रम करने वाले छात्र महज एक साल में पीजी कर सकेंगे। अब तक छात्रों को तीन साल के यूजी कोर्स में पढ़ने के बाद एग्जिट का विकल्प दिया जा रहा है। ऐसे छात्र एक साल के पीजी पाठ्यक्रम में दाखिला नहीं ले सकेंगे। एलयू का दावा है कि अब तक देश में एक साल का पीजी पाठ्यक्रम कहीं भी लागू नहीं है। ऐसे में एलयू देश का पहला संस्थान है, जहां इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?