डॉ. अजय मोहन सेमवाल। उत्तराखंड की संस्कृति को सहेजने और रामलीला की प्रेरणा देने के लिए ग्राफिक एरा में गढ़वाली रामलीला का मंचन किया गया।
गढ़वाली रामलीला का आयोजन ग्राफिक एरा के सिल्वर जुबली कन्वेंशन सेंटर में किया गया। समारोह में उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ाने के प्रयासों और गढ़वाली रामलीला शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर चेयरमैन डॉ. कमल घनशाला ने कहा कि गढ़वाली रामलीला के रूप में यह शुरुआत बहुत सराहनीय कदम है। इससे भगवान श्री राम के आदर्श नई पीढ़ी तक पहुंचाने और संस्कृति व भाषा से जुड़ाव बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गढ़वाली रामलीला की शुरूआत श्रवणलीला और वनगमन से की गई। इसके बाद राम जन्म, सीता स्वंयवर, भरत मिलाप, राम- हनुमान मिलन, सीता की खोज, अंगद- रावण संवाद पर आधारित दृश्यों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरी। वहीं लंकापति रावण के वध के बाद अयोध्या में राम का राज्याभिषेक किया गया। इस रामलीला में सूत्रधार के रूप में दिनेश बौड़ाई और इंदु रावत ने रामलीला के विभिन्न पहलुओं को रोचक अंदाज में बताते हुए दर्शकों को इस घटनाक्रम से जोड़े रखा। मंचन में राम का अभिनय आयुष रावत, सीता का अनुप्रिया सुन्दरियाल, लक्ष्मण का आलोक सुन्दरियाल, भरत का गौरव रतूड़ी, शत्रुघन्न का अखिल गुंसाई, हनुमान का मुकेश हटवाल और रावण का अभिनय दिनेश सिंह भण्डारी ने किया। रामलीला की प्रस्तुति लोक कलाकार कुलानन्द घनशाला ने दी।
कार्यक्रम में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के प्रो- चांसलर डॉ. राकेश कुमार शर्मा, कुलपति डॉ. नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय जसोला, अन्य पदाधिकारी, शिक्षक शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।