देहरादून, 4 अक्टूबर। भारतीय पोस्ट ऑफिस के उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस में ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती के लिए 1,238 पदों का अधियाचन डायरेक्टर पोस्ट ऑफिस को भेजा गया था. जिस पर अभ्यर्थियों को चयन भी कर लिया गया है, लेकिन चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज जांच में तमाम गड़बड़ी के मामले सामने आई है.
चयनित अधिकांश युवा बाहरी राज्यों के
दरअसल, शुरुआती जांच के आधार पर रीजनल पोस्ट ऑफिस उत्तराखंड के दो डिवीजन चमोली और अल्मोड़ा में फर्जी तरीके से भर्ती में पास होने का मामला सामने आया है. जिसके चलते दोनों डिविजन के 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. उत्तराखंड राज्य में जीडीएस भर्ती में फर्जी दस्तावेज का मामला इस वजह से भी चर्चाओं में बना हुआ है, क्योंकि साल 2024 में उत्तराखंड में ग्रामीण डाक सेवक के लिए जिन युवाओं का चयन हुआ है, उनमें से अधिकांश हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों के हैं. साथ ही इस भर्ती में उत्तराखंड के बेहद कम युवाओं का चयन हुआ है.
सोशल मीडिया पर तमाम वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें दिखाया गया है कि चयनित युवाओं को हिंदी लिखनी नहीं आती है. बावजूद इसके उनका चयन ग्रामीण डाक सेवक के लिए हो गया, जिसके चलते इस पूरे मामले पर रीजनल पोस्ट ऑफिस जल्द ही पोस्ट ऑफिस डायरेक्टरेट को पत्र लिखने जा रहा है. ताकि इस मामले पर कोई कड़ा एक्शन लिया जा सके.
पिछले साल भी 23 युवाओं पर हुई थी कार्रवाई
पोस्ट ऑफिस में फर्जी दस्तावेज के आधार पर चयनित युवाओं का ये कोई पहला मामला नहीं है, बल्कि साल 2023 में भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं. साल 2023 में निकाली गई भर्ती के दौरान चयनित युवाओं में से 36 युवाओं पर कार्रवाई की गई थी. साथ ही 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.
ऐसे में अब साल 2024 में भी फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया है, जिसके चलते उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस ने प्रदेश के सभी सातों डिवीजन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है. दरअसल, साल 2023 के दौरान उत्तराखंड रीजनल ऑफिस की ओर से 1448 पदों पर भर्ती के लिए हेड ऑफिस को पत्र भेजा गया था. ऐसे में साल 2023 के दौरान तीन चरणों शेड्यूल 1, स्पेशल साइकिल और शेड्यूल 2 के तहत भर्ती की गई.
तीनों शेड्यूल के तहत 36 अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आया था. ऐसे में 18 लोगों को टर्मिनेट और 20 लोगों की ज्वाइनिंग कैंसल की गई थी. साथ ही पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, जिन 18 लोगों को टर्मिनेट किया गया था, उनमें 13 अभ्यर्थी अल्मोड़ा डिवीजन और 3 अभ्यर्थी नैनीताल डिविजन में ज्वाइन कर चुके थे.
इसके साथ ही जिन 20 लोगों की ज्वाइनिंग रद्द की गई, उनमें देहरादून डिवीजन के 7, नैनीताल डिवीजन के 7 और टिहरी डिवीजन के 6 कर्मचारी थी. पिछले कुछ सालों से अभ्यर्थियों के फर्जी दस्तावेज का मामले सामने आने पर सीबीआई की टीम ने भारतीय पोस्ट ऑफिस में उत्तराखंड रीजनल कार्यालय पहुंचकर अभ्यर्थियों की जानकारी ली थी.
दस्तावेजों की हो रही जांच
ऐसे में इन सभी युवाओं के चयन से पहले उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. शुरुआती जांच में चमोली और अल्मोड़ा डिवीजन से तीन-तीन अभ्यर्थियों को पकड़ा गया है, जो फर्जी तरीके से भर्ती में चयनित हुए थे. लिहाजा, इन सभी 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
वहीं, उत्तराखंड रीजनल पोस्ट ऑफिस की चीफ पोस्टमास्टर जनरल शशि शालिनी कुजूर ने कहा कि इस मामले को लेकर सभी डिविजन से रिपोर्ट मांगी गई है. हालांकि, जब फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आता है तो ज्वाइन कर चुके अभ्यर्थियों को टर्मिनेट और चयनित युवाओं के ज्वाइनिंग को रद्द कर दिया जाता है. साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जाती है.
साथ ही कहा कि पोस्ट ऑफिस में भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन है, ऐसे में जिन अभ्यर्थियों का मेरिट सबसे अधिक होती है, उनका ऑटोमेटिक सिलेक्शन हो जाता है. इसके बाद चयनित अभ्यार्थियों के डाक्यूमेंट्स का वेरिफिकेशन कराया जाता है.
बता दें कि उत्तराखंड में पोस्ट ऑफिस के कुल सात डिवीजन है, जिसमें अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी और टिहरी डिवीजन शामिल हैं. साथ ही इन सभी डिवीजन के तहत प्रदेश भर में कुल 2736 पोस्ट ऑफिस संचालित हो रहे हैं. हालांकि, साल 2016 से पहले डिवीजन स्तर से ही ग्रामीण डाक सेवकों की भर्ती की जाती थी, लेकिन साल 2016 के बाद भारत सरकार ने इस प्रक्रिया में बदलाव कर नेशनल स्तर पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. लिहाजा, साल 2016 के बाद पूरी तरह ऑनलाइन मध्यम से ही भर्ती की जा रही है, जिसमे 10वी पास मार्कशीट के आधार पर मेरिट बेस युवाओं का चयन किया जा रहा है.