देहरादून, 14 अगस्त। जम्मू-कश्मीर में डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों से मुठभेड़ में उत्तराखंड के कैप्टन दीपक सिंह बलिदान हो गए। कैप्टन दीपक सिंह देहरादून के रहने वाले थे। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में कैप्टन दीपक सिंह को एक गोली लगी, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिन्हें आर्मी के हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा पाए.

आज देहरादून पहुंच सकता है पार्थिक शरीर
कैप्टन दीपक साल 2020 में ही सेना में कमीशन हुए थे. कैप्टन दीपक का परिवार देहरादून के रेसकोर्स में रहता है. कैप्टन दीपक का पार्थिव शरीर गुरुवार 15 अगस्त को देहरादून पहुंच सकता है. कैप्टन दीपक के शहादत की खबर मिलने से बाद पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ है.

सीएम धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून के कैप्टन दीपक सिंह के बलिदान होने पर गहरा दुख प्रकट किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा डोडा, जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य भूमि उत्तराखंड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को कोटिशः नमन। मां भारती की सेवा में आपका ये बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान दे और शोक संतप्त परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करे।

पुलिस मुख्यालय में कैप्टन दीपक को दी गई श्रद्धांजलि
वीरगति को प्राप्त हुए कैप्टन दीपक सिंह को पुलिस मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार और मुख्यालय का स्टाफ भी शामिल रहा। डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि कैप्टन दीपक सिंह का यह सर्वोच्च बलिदान देश ही नहीं उत्तराखंड पुलिस परिवार के लिए भी अपूरणीय क्षति है। इस दुःखद क्षण में समस्त उत्तराखंड पुलिस परिवार कैप्टन दीपक सिंह के पिता महेश सिंह के साथ खड़ा है। महेश सिंह डीजीपी के गोपनीय सहायक के रूप में नियुक्त रहे हैं। 30 अप्रैल, 2024 को वे सेवानिवृत्ति हुए हैं।

माँ भारती की सेवा में कैप्टन दीपक का ये बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा। जय हिन्द

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