देहरादून, 6 जुलाई। उत्तराखंड में स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने के लिए सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज और चिकित्सालयों में विशेषज्ञ डॉक्टरों, असिस्टेंट प्रोफेसर, पैरामेडिकल स्टाफ, चिकित्सा उपकरण और बुनियादी ढांचे का अंतर विश्लेषण (गैप एनालिसिस) किया जाएगा। इसके लिए हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमएल भट्ट की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। जो अध्ययन करने के बाद स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए रिपोर्ट सरकार को देगी।
प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या विशेषज्ञ डॉक्टरों की है। इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी के लिए प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर नहीं मिल रहे हैं। राजकीय चिकित्सालयों में जहां डॉक्टरों के 500 से अधिक पद खाली है। वहीं मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी संचालित करने के लिए 20 से 30 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा टेक्नीशियन और पैरामेडिकल स्टाफ कमी भी बनी है।
नीतिगत फैसले लेगी
स्वास्थ्य क्षेत्र में चुनौतियों और सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने अंतर विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। इसके लिए एचएनबी चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य के साथ चिकित्सा विशेषज्ञ भी शामिल है। यह कमेटी अध्ययन करने के बाद रिपोर्ट सरकार को देगी। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर प्रदेश सरकार चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत फैसले लेगी।
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देना सरकार की प्राथमिकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में और क्या सुधार किया जा सकता है। इसके लिए सभी चिकित्सालयों व मेडिकल कॉलेजों का गैप एनालिसिस किया जाएगा। इसके लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी की सिफारिशों के आधार पर चुनौतियों को दूर किया जाएगा। -डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री